Byali Raati U Mera Garhwali Gajal/ब्याली राती उ मेरा गढ़वाली गजल




ब्याली राती उ मेरा,ब्याली राती उ.... मेरा,
ब्याली राती उ मेरा ,ब्याली राती उ.... मेरा,
ब्याली राती उ मेरा, सुपन्यूँ  मा  ऐनी 
आपणा मनै की , टुप कैरी गैनी।
टुप कैरी गैनी।

इन व्हेगे छा मेरा हाल,  जिकुड़ी धक् धक् मुखड़ी लाल 
इन व्हेगे छा मेरा हाल,  जिकुड़ी धक् धक् मुखड़ी लाल 

चट पकड़िन उन हाती, खन खन चूड़ी टूटिगिने सभी
मेरा गति का कांडा आ , मेरा गति का कांडा आ , 
मेरा गति का कांडा,  झर जझरैनि     
अपड़ा मनै की टुप कैरी गैनी,टुप कैरी गैनी
टुप कैरी गैनी।।

ब्याली राती उ मेरा,ब्याली राती उ.... मेरा,
ब्याली राती उ मेरा ,ब्याली राती उ.... मेरा,
ब्याली राती उ मेरा, सुपन्यूँ  मा  ऐनी 
आपणा मनै की , टुप कैरी गैनी।
टुप कैरी गैनी।






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